BASIC TIPS OF MOBILE REPAIRING । मोबाइल रिपेयर की बेसिक जांनकारी PART 3

  जैसे मैं आप सबको कुछ sections के नाम बता रहा हूँ,- power Supply section/ पावर सप्लाई सेक्शन, नेटवर्क सेक्शन/ Network Section, Audio Section/ ऑडियो सेक्शन, चार्जिंग सेक्शन/Charging Section,  मेमोरी सेक्शन/ Memory Section, सीपीयू सेक्शन/CPU Section इत्यादि 

तो दोस्तों यदि हम Mobile Repairing / मोबाइल रिपेयरिंग सीखना चाहते हैं और Repairing/ रिपेयरिंग करना चाहते हैं तो इन सभी के बारे में हमें इन सभी sections का अच्छी तरह knowledge होना चाहिए तो चलिए दोस्तों हम Start करते हैं:-

 Friends First of all इन सभी Hardware को check करने के लिए हमारे पास Multi-meter/मल्टीमीटर होना चाहिए और Multi-meter/मल्टीमीटर की भी हमें अच्छी knowledge होनी चाहिए जिससे हम Mobile/मोबाइल के PCB/पीसीबी पर लगे हुए Components/कंपोनेंट्स को check कर सकें, Circuit को trace कर सकें इत्यादि तो Friends सबसे पहले हम Multi-meter/मल्टीमीटर के बारे में समझ लेते हैं कि Multi-meter/मल्टीमीटर कैसे work करता है और Multimeter /मल्टीमीटर का use हम किस तरीके से लेंगे 

तो दोस्तों आप सब की information के लिए मैं बता दूं कि multimeter/ मल्टीमीटर market में दो तरह के available हैं :-

  1. एनालॉग मल्टीमीटर

  2. डिजिटल मल्टीमीटर 

दोस्तों दोनों multimeter/ मल्टीमीटर एक जैसे ही work करते हैं बस इनमें Display देने का तरीका different होता है जैसे आजकल हम देख रहे हैं Car/bus के अंदर भी Analog Multimeter/एनालॉग मल्टीमीटर को replace करके नई गाड़ियों के अंदर Degital meter आता है ठीक उसी तरह Analog और Degital Multimeter भी ऐसे ही कार्य करते हैं विशेष कोई अंतर नहीं होता है 

Multimeter से हम किसी भी electronic Circuit / इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को check करते हैं तो हम 2 way से check करते हैं - Cold Testing/कोल्ड टेस्टिंग और Hot Testing/हॉट टेस्टिंग

 कोल्ड टेस्टिंग /Cold testing :- दोस्तों Cold Testingके अंदर हम किसी भी circuit को off करके check करते हैं, जैसे circuit के अंदर किसी भी तरीके का कोई current नहीं हो और हम किसी Components को check कर रहे हो या किसी circuit को trace कर रहे हो, इस तरह की की Testing, Cold Testing के अंतर्गत आती है और यह तरीका सुरक्षित/safe रहता है तो इसलिए ज्यादातर testing हम cold में ही करते हैं

Hot Testing/हॉट टेस्टिंग :- दोस्तों किसी भी circuit को यदि हम On करके check कर रहे हैं तो यह तरीका Hot Testing/हॉट टेस्टिंग कहलाता है यह तरीका थोड़ा Risky/रिस्की भी होता है Risk/रिस्क यह होता है जब Circuit On रहता है और कहीं भी किसी तरीके की mistake हुई तो short curcuit / शार्ट सर्किट होने का डर बना रहता है लेकिन कई बार हमें Hot Testing/हॉट टेस्टिंग करना जरूरी हो जाता है, तो उसे सावधानीपूर्वक check करना पड़ता है

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